नज़्म


जिंदगी में बड़ा झमेला है
हमने सर्पों का दंश भी झेला है
उसने सावक संग भी खेला है
 तभी तो भारतवर्ष में लगा धर्मों का मेला है


     अद्वितीय ऋषि कपूर भारती

Comments

Popular posts from this blog

मै स्त्री हूं मै नारी हू

जब आंख खुली तो अम्मा ,की गोदी का एक सहारा था

उधार की कलम से....!