मै स्त्री हूं मै नारी हू
मैं स्त्री हूँ मैं स्त्री हूँ मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ, मैं कली हूँ, मैं फुलवारी हूँ, मैं दर्शन हूँ, मैं दर्पण हूँ मैं नाद में ही गर्जन हुंँ, मैं बेटी हूँ, मैं माता हूँ, मैं बलिदानों की गाता हूँ, मैं श्रीमद्भगवद्गीता हूँ, मैं सीता हूँ।
पुरुषों की इस दुनिया में मुझे कैसी नियत दिखलाई।
कभी जुए में हार गए कभी अग्निपरीक्षा दिलवाई। ।
कलयुग हो या सतयुग हो इल्जाम मुझ पर ही आता है।
क्यों घनी अंधेरी सड़कों पर चलने से मन घबराता है। ।
मैं डरती हूँ, मैं मरती हूँ, जब सफर अकेले करती हूँ।
धनु का साम्राज्य बढ़ता है, कोई साया पीछा करता है। ।
मेरी मुट्ठी बन जाती है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
हे तरल पसीना माथे पर, इनमें मेरी घबराहट होती है। ।
जाने कि किस का साया है, जाने यह किस का साया है।
जाने यह किसकी आहट है, जाने यह किसकी आहट है। ।
अंधेरे में उन हाथों ने मुझको बाहों में खींच लिया।
एक नहीं मुंह पर हाथ रखा, और एक नया चल खींच लिया। ।
नारी के सम्मान को बिल्कुल तार-तार सा कर दिया।
मर्यादा की आंचल को फिर झाड़ झाड़सा कर दिया। ।
मारा है मुझको, पीटा है, बालों से मुझे घसीटा है।
फिर बल बलता कि उन सारी सीमाओं को तोड़ दिया। ।
उन घनी अंधेरी सड़कों पर मुझे तड़पता छोड़ दिया। ।
सन्नाटे में चीख रही थी, खून से लथपथ हो गया।
सबने तस्वीरें खींची, कोई मदद को आगे ना आया। ।
कोई मदद करो ! कोई मदद करो!! कोई मदद करो!!!
यह चिख, चिखकर, चीख भी मुझसे रूठ गई।
जब होश में आई, इस समाज की बातें सुनकर टूट गई। ।
परिवार की बदनामी होगी, सब यही मुझे समझाते हैं।
यह नई उम्र के लड़के हैं, थोड़ा तो बहक ही जाते हैं। ।
अरे भूल जाओ जो हुआ उसे, अरे यह लड़के बच ही जाएंगे।
तुम लड़की हो, दुनिया वाले तुम पर ही प्रश्न उठाएंगे। ।
क्यों कोई नहीं था साथ में, क्यों निकली अकेली रात में।
क्या मेकअप था, क्या गहने थे, क्या छोटे कपड़े पहने थे। ।
इस प्रश्न की भूलभुलैया, चाहे मुझे कल ही खो जाती है।
क्या इस सब भूल जाओ कहने वाले, क्या तुम्हें शर्म नहीं आती है। ।
सब भूल जाओ! सब भूल जाओ!! सब भूल जाओ!!! कहने वालों,
याद रखो यह आखरी गलती आपकी भी हो सकती है।
कल सड़क पर बेशुध बहने बेटी, आपकी भी हो सकती है। ।
और इस एहसास से बढ़कर कोई दर्द नहीं हो सकता है।
जो नारी का अपमान करें वह मर्द नहीं हो सकता है। ।
तो आओ प्रण लो मेरे साथ, और एक आव्हान करो।
अपनी मर्यादाओं को समझो और नारी का सम्मान करो। ।
Bahut he badhiya likha h aapne. maine ishi kavita ko 2018 m apni institute m perform kiya tha or ush din jitni mujhe appreciation mili thi syd he kbhi mili hogi or mujhe ush din bahut jada khushi bhi mili thi. thank you sirjii ish behtren kavita k liye mujhe bhi bahut saok h logon ko motivate krne ka isliye maine bhi 2019 se likhna start kr diya tha or abb usise earning bhi krna chahti hun pr abhi monitization m thodi prblm aa rhi h.
ReplyDeletewell, soon mahadev vo bhi solve kr denge Nari skti zinda baad