गांव
जहाँ व्यक्ति के उठने से पहले जिम्मेदारिया जाग जाती हो,
जहाँ बारिश के आने से पहले तिरपाल की व्यवस्था कर ली जाती हो उसे गाँव कहते है।
जहाँ पढ़ने से ज्यादा डाँगरों को चराने का होड़ रहता हो,
उसे गाँव कहते हैं।
जहाँ बारिश की बुदे पड़ने पर मिट्टी महक जाती हो,
उसे गाँव कहते हैं।
जहाँ खेलने कि उम्र में कमाने कि चिंता सता रही हो,
उसे गाँव कहते हैं।
जहां गाय को पाला जाता हो और कुत्ते आवारा घूमते हो,
उसे गाँव कहते है
जहाँ समस्याओं के कारण लोग पढ़ाई छोड़कर गुटका और शराब का सेवन करने लगे हो,
उसे गाँव कहते हैं।
जहाँ के सरकारी खुल में जाकर माता-पिता पढ़ाई को छोड़कर खिचड़ी के बारे में ज्यादा पूछे,
उसे गाँव कहते है।
भारत का प्रज्ञान रोवर पिछले एक महिने से चाँद को पढ़ रहा हो और अभी भी जहाँ डायन रहती हो,
उसे गाँव कहते है।
भारत फिर से दुनिया का सिरमौर बनने की चाहत में खड़ा हो
और अभी भी जहाँ डायन रहती हो,
उसे जॉन कहते है।
और जहाँ अभी भी एक आदमी दुसरे आदमी को नीच समझता हो उसे गाँव कहते हैं।
जहां बदतमीजियों के छज्जे पर सभ्यता का बुलडोजर चलता हो
उसे गांव कहते है
अद्वितीय ऋषि कपूर भारती
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