इरादा

मन तो मेरा भी था उड़ान भरने की
पर आसमान न मिला.......
जिंदगी को जीतने के चक्कर में......
कभी आराम ना मिला......
मेरा दिल तो कब का टूट चुका था......
जिसे ढूंढ रहा था मैं उसका मकान ना मिला

                   विशाल कुमार

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