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Showing posts from January, 2020

कश्मीर तो होगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा।

हम डरते नहीं एटम बम्ब, विस्फोटक जलपोतो से हम डरते है ताशकंद और शिमला जैसे समझोतों से सियार भेडिए से डर सकती सिंहो की औलाद नहीं भरत वंश के इस पानी की है तुमको पहचान नहीं भीख में लेकर एटम बम्ब को तुम किस बात पे फूल गए ६५, ७१ और ९९ के युधो को शायद तुम भूल गए तुम याद करो खेतरपाल ने पेटन टैंक जला डाला गुरु गोबिंद के बाज शेखो ने अमरीकी जेट उड़ा डाला तुम याद करो गाजी का बेडा एक झटके में ही डूबा दिया ढाका के जनरल नियाजी को दुद्ध छटी को पिला दिया तुम याद करो उन ९०००० बंदी पाक जवानो को तुम याद करो शिमला समझोता और भारत के एहसानों को पाकिस्तान ये कान खोलकर सुन ले की अबके जंग छिड़ी तो सुन ले नमो निशान नहीं होगा कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा लाल कर दिया तुमने लहू से श्रीनगर की घाटी को किस गफलत में छेड़ रहे तुम सोई हल्दी घाटी को जहर पिला कर मजहब का इन कश्मीरी परवानो को भय और लालच दिखला कर भेज रहे तुम नादानों को खुले पर्शिक्षण है खुले शस्त्र है, खुली हुई नादानी है सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है बहुत हो चुकी मक्कारी, बस बहुत हो चूका हस्ताक्षेप समझा दो उनका वरना भभक उठे गा पूरा ...

रश्मिरथी (कृष्ण दुर्योधन संवाद)

वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। 'दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशिष समाज की ले न सका, उलटे, हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य, साधने चला। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान् कुपित होकर बोले- 'जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे। यह देख, गगन मुझमें लय है, यह देख, पवन मुझमें लय है, मुझमें विलीन झंकार सकल, मुझमें लय है संसार सकल। अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें। 'उदयाचल मेरा दीप्त भाल, भूमंडल वक्षस्थल विशाल, भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं,...

हे भारत के राम जागो, मै तुम्हे जगाने आया हूं

हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूँ, सौ धर्मों का धर्म एक, बलिदान बताने आया हूँ । सुनो हिमालय कैद हुआ है, दुश्मन की जंजीरों में आज बता दो कितना पानी, है भारत के वीरो में, खड़ी शत्रु की फौज द्वार पर, आज तुम्हे ललकार रही, सोये सिंह जगो भारत के, माता तुम्हे पुकार रही । रण की भेरी बज रही, उठो मोह निद्रा त्यागो, पहला शीष चढाने वाले, माँ के वीर पुत्र जागो। बलिदानों के वज्रदंड पर, देशभक्त की ध्वजा जगे, और रण के कंकण पहने है, वो राष्ट्रभक्त की भुजा जगे ।। अग्नि पंथ के पंथी जागो, शीष हथेली पर धरकर, जागो रक्त के भक्त लाडले, जागो सिर के सौदागर, खप्पर वाली काली जागे, जागे दुर्गा बर्बंडा, और रक्त बीज का रक्त चाटने, वाली जागे चामुंडा । नर मुंडो की माला वाला, जगे कपाली कैलाशी, रण की चंडी घर घर नाचे, मौत कहे प्यासी प्यासी, रावण का वध स्वयं करूँगा, कहने वाला राम जगे, और कौरव शेष न एक बचेगा, कहने वाला श्याम जगे ।। परशुराम का परशु जगे, रघुनन्दन का बाण जगे , यदुनंदन का चक्र जगे, अर्जुन का धनुष महान जगे, चोटी वाला चाणक्य जगे, पौरुष का पुरष महान जगे और सेल्यूकस को कसने वाला, चन्द्रगुप्त बलवान जग...

हिंदी भाषण

परम आदरणीय अध्यक्ष प्रबंधक गुरुजन गाड़ छात्र एवं छात्राएं वह दूर से दूर से आए हुए अतिथि गण आप सभी के सामने मैं गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेर सारी बधाइयां समर्पित करता हूं और तदुपरांत में उन तमाम वीर शहीदों को नमन करता हूं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना अमूल्य योगदान दिया उसके बाद मैं भारत के उन नेताओं को आदरांजली अर्पित करता हूं जिन्होंने आजाद आजाद भारत को एक बहुत अच्छा संविधान दिया जाहिर सी बात है कि हमारे मन में यह सवाल आता है कि आखिर या 26 जनवरी 26 जनवरी के दिन क्यों मनाया जाता है तो इसका सीधा सा जवाब होता है किसी दिन 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को स्वराष्ट्र घोषित किया था यानी कम शब्दों में कहा जाए तो भारत को 1 दिन के लिए आजादी दिया था मेरे हिसाब से लेकिन वाक्य क्या कागजों तक ही सिमट कर रह गया और हमें 26 जनवरी 1947 तक इंतजार करना पड़ा फतवे की सीआई सूखने से पहले लगभग डेढ़ लाख हिंदू मुस्लिम उलेमाओं ने अपनी जान के अजीम कुर्बानी दे दी और आप जान भी सकते हैं कि इंडिया गेट पर उन तमाम वीर शहीदों के नाम लिखे हुए आपको मिल जाएगी कभी आप ज...