किस मिटटी के बने हो तुम (अद्वितीय ऋषि कपूर भारती)
किस मिट्टी के बने हो तुम। (शायरी) किस मिट्टी के बने हो तुम मुझे मालूम नहीं है तुम तो मेरे कातिल को भी कह दोगे कि यह जालिम नहीं है, मुकदमा चला अगर हुस्न की अदालत में गवाही देने ग़र तुम गए ,तो तुम कह दोगे, की ये लश्कर उस भीड़ में शामिल नहीं है "अद्वितीय ऋषि कपूर भारती"