शायरी ( अद्वितीय ऋषि कपूर भारती)
क्या कहे हम कहां से आए हुए हैं क्या कहे हम कहां से आए हुए हैं छाया से अब डर लगता है धूप के भी सताए हुए हैं कैसे उनको लगती नहीं है, अच्छी महलों की जिंदगानी पानी में सर को शौक से भिगाए हुए है हम मजबूरी में सर को ,पानी से ही छिपाए हुए हैं अद्वितीय ऋषि कपूर भारती